अफगानी स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना शेरशाह का मकबरा अपने एतिहासिक मत्व के साथ ख़ूबसूरती के लिए दुनिया भर में मशहूर है । शेरशाह सूरी अपने शासनकाल (वर्ष 1540 -1545 ईस्वी) में मध्य युग के महत्वपूर्ण शासकों में गिना जाता है। शेरशाह सूरी के बचपन का नाम फरीद खान था । शेरशाह सूरी को ‘शेर खान’ के नाम से भी जाना जाता है । मुगल सल्तनत के बादशाह हुमायूं को धूल चटा कर 1540 में शेरशाह दिल्ली की गद्दी पर बैठे थे।
चन्द्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक महान द्वारा बनाई गई उत्तरपथ नाम से जानी जाने वाली और बांग्लादेश से अफगानिस्तान तक फैली हुई कच्ची सड़क ( ग्रैंड ट्रंक रोड : सोर्स विकिपीडिया ) को जीर्णोद्वार करके पुनर्जिवित करने और भारतीय रुपये के प्रथम संस्करण ‘रुपया’ का चलन प्रारंभ करने, एक वेल एस्टेब्लिशड पोस्टल सर्विस प्रारंभ करने के साथ-साथ कई ऐतिहासिक कार्य शुरू करने के लिए शेर शाह सूरी मशहूर है। बिहार का सासाराम सूफी संतों और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रख्यात है । यहां पर हर 5 से 10 किलोमीटर की दूरी पर कोई ना कोई ऐतिहासिक धरोहर मिल ही जाता है, जिसका इतिहास के पन्नों सुनहरे अक्षरों में नाम दर्ज है । उन्हीं में से एक है रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम स्थित बादशाह शेरशाह सूरी का अति विशाल मकबरा । 52 एकड़ के तलाब के मध्य में स्थित शेरशाह सूरी का यह मकबरा विश्व के ऐतिहासिक धरोहरों में से एक माना जाता है ।
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यूनेस्को के विश्व धरोहर की सूची में है शामिल है मकबरा !!
अफगान वास्तुकला का शानदार नमूना होने के कारण संयुक्त राष्ट्र ने 1998 में इस मकबरे को विश्व धरोहरों की सूची में महत्वपूर्ण स्थान दिया था ।
यह मकबरा 1130 फीट लंबे और 865 फीट चौड़े तालाब के बीचों बीच स्थित है। तालाब के मध्य में सैंड स्टोन के चबूतरे/बेस पर अष्टकोणीय मकबरा सैंडस्टोन एवं ईंट से बना है। इसका गोलाकार स्तूप 250 फीट चौड़ा तथा 150 फीट ऊंचा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि, इसकी गुंबद की ऊंचाई ताजमहल से भी दस फीट अधिक है।
शानदार बारीक नक्काशी की गई है मकबरा में !!
मकबरे के अंदर ऊंचाई पर बनी बड़ी-बड़ी रोशनदानें इसे हवादार और रोशनीयुक्त बनाती हैं। सभी खिड़कियों पर की गई बारीक नक्काशी पर्यटकों को उस समय के कारीगरी को दाद देने को मजबूर कर देती हैं।
शेरशाह सूरी का कब्र मकबरे में मौजूद है !!
शेरशाह का कब्र मकबरे में मौजूद है । गलती से तोप के गोले के रिवर्स बैक होने से शेरशाह की मृत्यु कालिंजर में हुई थी । शेरशाह के मकबरे में शेरशाह की कब्र के अलावे भी 24 और कब्रें हैं, ये इनके परिवार के सदस्यों, मित्रों और अधिकारियों की हैं। सभी के ऊपर कुरान की आयतें खुदी हुई हैं।
उमड़ता है पर्यटकों का सैलाब !!
सालो भर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है । इन पर्यटकों में मुख्य रूप से देशी पर्यटक रहते हैं । लेकिन समय समय पर विदेशी पर्यटकों का भी आगमन होते रहता है ।
कैसे पहुंचें शेरशाह मकबरा ?
रोडवे : सासाराम शहर के किसी भी कोने से बाई रोड आसानी से पहुंचा जा सकता है । आपको बताते चलें कि, यहां पहुंचने के लिए रौजा रोड और रौजा रोड नंबर 1 ( प्रभाकर रोड) मुख्य रोड हैं ।
रेलवे : बनारस और गया के बीच सासाराम एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है । देश के विभिन्न राज्यों से आसानी से डायरेक्ट या दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन (मुगल सराय) से ट्रेन बदल कर सासाराम पहुंचा जा सकता है ।
एयरवेज : नजदीकी एयपोर्ट गया है । बनारस भी नजदीक है । पटना भी विकल्प हो सकता है ।
टिकट की व्यवस्था !!
शेरशाह सूरी मकबरा में आने वाले पर्यटकों के लिए भारतीय पुरात्त्व विभाग की टिकटें लगती हैं । रौजा के पार्किंग क्षेत्र में ही टिकट काउंटर है ।
कोरोना काल में विशेष व्यवस्था : क्यूआर कोड के साथ ऑनलाइन टिकट निकालने की व्यस्था उसी पुराने काउंटर के पास है ।
गाड़ी पार्किंग की व्यवस्था !!
शेरशाह सूरी मकबरा में आने वाले पर्यटकों के लिए गाड़ी पार्किंग की अच्छी व्यवस्था है । गाड़ी पार्किंग के लिए आपको शुल्क देना पड़ेगा ।
अलग अलग गाड़ियों के अलग अलग पार्किंग रेट हैं । पार्किंग के लिए शुल्क भुगतान के बाद आपको रशीद भी मिलेगा ।
शौचालय की व्यवस्था !!
शेरशाह सूरी मकबरा में आने वाले पर्यटकों के लिए निशुल्क शौचालय की व्यवस्था है । गाड़ी पार्किंग वाले क्षेत्र में ही महिला और पुरुष के लिए अलग अलग शौचालय उपलब्ध है।
कैसा है व्यवस्था ?
ठीक ठाक है, काम चलाऊ । थोड़ा गंदा और देख रेख़ की कमी है । लेकिन जरूरत पूरा कर सकता है ।
पानी पिने की व्यवस्था !!
शेरशाह सूरी मकबरा में आने वाले पर्यटकों के लिए पानी पिने की निशुल्क व्यवस्था है । पार्किंग वाले क्षेत्र में ही पानी की व्यवस्था है ।
कैसा है व्यवस्था ?
आरो का फिल्टर्ड पानी नहीं है । लेकिन प्यास बुझाया का सकता है । बिस्लरी की पानी बोतलें गेट के पास ठेलों पर उपलब्ध रहती है ।
खाने पीने की व्यवस्था ?
शेरशाह सूरी मकबरा में आने वाले पर्यटकों के लिए हल्के फुल्के स्ट्रीट फूड शेरशाह मकबरा गेट के पास ठेलों पर उपलब्ध रहते हैं । इसमें मुख्य रूप से मूंगफली , चाट,समोसे, गोलगप्पे , स्नैक इत्यादि शामिल हैं । रौजा रोड में मौर्या रेस्टुरेंट एंड होटल है । मकबरा से पोस्ट ऑफिस चौराहा की ओर बढ़ने पर अन्य अच्छे होटल और रेस्टुरेंट भी मिल जाएंगे । जिसमे उपहार होटल ,उपकार होटल, जीएसबी रेस्टुरेंट, प्रिंस रेस्टुरेंट, लाजवाब रेस्टुरेंट, बीएनएस होटल एंड रेस्टुरेंट शामिल हैं ।
ठहरने की व्यवस्था ?
शेरशाह सूरी मकबरा में आने वाले पर्यटकों के लिए सासाराम शहर में ठहरने के लिए कई होटल है । रौजा रोड में मौर्या होटल, धर्मशाला चौराहा के पास गोपाल होटल, अंकुर होटल, फजलगंज में नटराज होटल, मेहता कॉलोनी के पास रोहित इंटरनेशनल होटल सहित शहर में कई छोटे बड़े होटल उपलब्ध हैं ।
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