Wednesday, November 20, 2024
HomeRohtasSasaram divisionकाले बादल, रिमझिम बारिश, कल कल बहते झरने और तृप्ति करती ठंडी...

काले बादल, रिमझिम बारिश, कल कल बहते झरने और तृप्ति करती ठंडी हवाएं बुला रही हैं गीता घाट आश्रम , सासाराम | Gita Ghat Ashram

इस मानसून में आप घर में बैठ कर बारिश का आंनद ले रहें होंगे । काले बादल, रिमझिम बारिश और गर्मी से राहत देतीं ठंडी हवाएं ऐसे मौसम में तो एक ही जगह दिखाई देती है वो है बिहार का सासाराम । प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर इस शहर में और सासाराम अनुमंडल तथा जिला क्षेत्र के आस पास के इलाकों में कई खूबसूरत फॉल्स मौजूद हैं, जहां आप जन्नत का मज़ा ले सकते हैं।

दिल को सुकून पहुंचाने वाले फॉल्स को ढूंढ रहे हैं तो सासाराम का गीता घाट फॉल और आश्रम आपको मानसून के इस खूबसूरत मौसम में घूम ही आना चाहिये ।

यह कश्मीर नहीं, "गीता घाट आश्रम सासाराम " है
यह कश्मीर नहीं, “गीता घाट आश्रम सासाराम ” है

सासाराम शहर से मात्र 10 किलोमीटर दूरी पर गीता घाट आश्रम ( Gita Ghat Ashram ) मौजूद है । यहां पर एक सुंदर झरना भी मौजूद है, जिसकी बात हमलोग कर रहे हैं । ये जगह पिकनिक मनाने के लिए शानदार है।

ये वॉटरफॉल इतना खूबसूरत है कि पहली नजर में आपका मन मोह लेगा। ऊँचाई से गिरता हुआ पानी जब नीचे पत्थरों पर पड़ता है तो वो नजारा बेहद खूबसूरत होता है। बिहार के ज्यादातर लोग इस खूबसूरत वॉटरफॉल के बारे में जानते हैं लेकिन ऐसे भी लोग हैं जिन्हें इसके राजसी सौंदर्य का बिल्कुल अंदाजा नहीं है ।

सावन आया, बादल छाए …बोलो तुम कब आओगे

पहाड़ी पर गीता घाट आश्रम जाने का रास्ता
पहाड़ी पर गीता घाट आश्रम जाने का रास्ता

आपको यहाँ बारिश के मौसम में आना चाहिए। इस समय ये वॉटरफॉल पानी से लबालब भरा रहता है। लेकिन बारिश के समय वॉटरफॉल के नीचे की चट्टानें बेहद फिसलाऊ हो जाती हैं इसलिए सावधानी जरूर रखें।

गीता घाट आश्रम , सासाराम
गीता घाट आश्रम , सासाराम

परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाना चाहते हैं तो आपको इस जगह पर आना चाहिए । गीता घाट वॉटरफॉल को घूमने का सबसे सही समय जुलाई से अगस्त तक है ।

विश्व विख्यात गीता घाट बाबा 

परमहंस स्वामी शिवानंद जी तीर्थ “गीता घाट बाबा”
परमहंस स्वामी शिवानंद जी तीर्थ “गीता घाट बाबा”

सासाराम की संत परंपरा के प्रतीक रहे परमहंस स्वामी शिवानंद जी तीर्थ “गीता घाट बाबा” सन् 1950 के दशक के उत्तरा‌र्द्ध में बाबा कैमूर पहाड़ी क्षेत्र में आये थे । कई वर्षो तक यहां साधना में लीन रहने के क्रम में उनकी ख्याति देश विदेश तक फैली थी ।

गीता घाट बाबा का बाघ से सामना

कुटिया में मौजूद गीता घाट बाबा के उत्तराधिकारी , "सासाराम कि गलियां" से खास मुलाक़ात
पहाड़ के ऊपर कुटिया में मौजूद गीता घाट बाबा के उत्तराधिकारी , “सासाराम कि गलियां” से खास मुलाक़ात

इन्होंने आज के गीता घाट आश्रम के परी माई (गदहिया कुंड) में आकर तप प्रारंभ कर दिया । लगातार 22 दिनों तक तप साधना किया । इस दौरान बाघ से भी इनका सामना हुआ । इस स्थान पर बाघ पानी पीने आते थें । बाबा को तप में लीन देख कर भय से बाघ ने पानी पीना छोड़ दिया ।

पहाड़ के ऊपर गीता घाट बाबा के उत्तराधिकारी का कुटिया
पहाड़ के ऊपर गीता घाट बाबा के उत्तराधिकारी का कुटिया

बाबा ने बाघ को सहलाया और बाघों को भयमुक्त होकर पानी पीने के लिए उस स्थान को छोड़कर शीतल कुंड झरना पर चले गए । ये भी आज के गीता घाट आश्रम में ही है ।

सासाराम के साहू टाकीज मुक्तश्रम में ब्रम्हलीन हुए

आज भी भौतिकता, मोहमाया ,टेक्नोलॉजी और बाहरी दुनिया के चमक दमक से दूर गीता घाट बाबा के उत्तराधिकारी पहाड़ पर प्रकृति के गोद में रहते हैं
आज भी भौतिकता, मोहमाया ,टेक्नोलॉजी और बाहरी दुनिया के चमक दमक से दूर गीता घाट बाबा के उत्तराधिकारी पहाड़ पर प्रकृति के गोद में रहते हैं

सादगी-त्याग के प्रतीक बाबा के शिष्य प्रत्येक वर्ग के किसान, व्यवसायी, अधिवक्ता, डाक्टर, इंजीनियर से ले प्रोफेसर तक हैं । बाबा का देहावसान वर्ष 1996 में सासाराम शहर के साहू टाकीज मुक्ताष्रम में हुआ था ।

गुरु पूर्णिमा पर गीता घाट में मेला लगता है

गीता घाट पहाड़ी के निचे गीता घाट बाबा के अन्य शिष्य भजन कीर्तन करते हुए
गीता घाट पहाड़ी के निचे गीता घाट बाबा के अन्य शिष्य भजन कीर्तन करते हुए

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गीता घाट आश्रम (Gita Ghat Ashram) में बड़ी संख्या में श्रद्धलुओं का जमावड़ा लगता है । दूर दराज से भक्त आते हैं और पूजा ,अर्चना के बाद मेला का आनंद लेते है ।

नदी के रास्ते गीता घाट झरना का सफ़र यादगार होता है

नदी से गीता घाट झरना जाने का रास्ता
नदी से गीता घाट झरना जाने का रास्ता

गीता घाट आश्रम से झरना तक का सफ़र बहुत ही रोमांचक होता है , इस दौरान आपको नदी कि गहराई ,चट्टानों की ऊंचाई और काई का ध्यान भी रखना पड़ता है । कई जगहों पर नदी का किनारा आपको “तिनके को सहारा” की तरह प्रतीत होगा ।

नदी के रास्ते गीता घाट वॉटरफॉल जाते युवा सैलानी
नदी के रास्ते गीता घाट वॉटरफॉल जाते युवा सैलानी

जबकि कई जगहों पर नदी में उतरे बिना झरना तक पहुंचने का कोई दूसरा विकल्प मौजूद नहीं रहेगा । ऐसे में नदी के रास्ते गीता घाट झरना तक जाने में विशेष सावधानी बरतना चाहिए ।

ऐसे पहुंचे गीता घाट आश्रम सासाराम ( Gita Ghat Ashram )

गीता घाट आश्रम प्रवेश द्वार , धरबैर गांव, दरिगांव थाना , सासाराम अनुमंडल
गीता घाट आश्रम प्रवेश द्वार , धरबैर गांव, दरिगांव थाना , सासाराम अनुमंडल

सासाराम शहर से कादिरगंज – दरिगांव सड़क के माध्यम से लगभग 10 किलोमीटर का सफ़र  करके धरबैर गांव पहुंचीए । धरबैर गांव में एक विशाल मुख्य प्रवेश द्वार बना हुआ है । इस द्वार के जरिए आप गांव को बिचो बीच पार करते हुए गीता घाट आश्रम पहुंच जाएंगे ।

गीता घाट आश्रम का रास्ता हिल स्टेशन का आनंद देता है
गीता घाट आश्रम का रास्ता हिल स्टेशन का आनंद देता है

यहां पर गीता घाट बाबा के शिष्यों के कई साधना आश्रम बने हुए हैं । यहीं पर गीता घाट फॉल भी देखने को मिल जाएगा ।

पॉइंट्स टू बी नोटेड , माई लॉर्ड

“सासाराम कि गालियां” संगठन आपसे अनुरोध करती है कि किसी भी जलप्रपातों पर भ्रमण करने से पहले इन बातों का जरुर ध्यान रखें :-

Gita Ghat Ashram
Gita Ghat Ashram
  • गीता घाट पर्यटन स्थल के साथ आध्यात्मिक स्थल भी है, इसलिए इसके शुद्धता का पूर्ण ख्याल रखें, परंपरा का सम्मान करें ।
  • यहां पर मांस मछली, शराब इत्यादि जैसी चीजें जो सनातन संस्कृति में वर्जित है ,बिल्कुल भी इस्तमाल नहीं करें ।
गीता घाट का नज़ारा आखों को सुकून देता है
गीता घाट का नज़ारा आखों को सुकून देता है
  • सेल्फी लेने के लिए जलप्रपात के खतरनाक जगहों पर बिल्कुल नहीं जाएं ।
  • बारिश के कारण फिसलन का डर है , इसलिए पहाड़ पर चढ़ाई और उतरने के दौरान विशेष सावधानी रखें ।
गीता घाट आश्रम धरती पर स्वर्ग का अनुभव कराता है
गीता घाट आश्रम धरती पर स्वर्ग का अनुभव कराता है
  • सेल्फी लेने के लिए पहाड़ के एकदम किनारे पर नहीं जाएं, फिसलन से छटकने का डर है ।
  • घाट पहाड़ का घाटी वर्टिकल है ,इसलिए किनारे जाते समय सावधानी रखें ।
  • जलप्रपात में तेज उफान वाले जगहों के अत्यधिक करीब जाने का प्रयास बिल्कुल नहीं करें, इन जगहों पर खतरों की अंदेशा हमेशा बनी रहती है । 
लापरवाह लोगों द्वारा पिकनिक मनाकर गीता घाट में फेंका गया कूड़ा
लापरवाह लोगों द्वारा पिकनिक मनाकर गीता घाट में फेंका गया कूड़ा
  • कृपया पिकनिक मनाकर इधर उधर प्लास्टिक, पत्तल, ग्लास, खाना और कूड़ा फेंक कर पर्यटक स्थल व प्रकृति को गन्दा नहीं करें  । इससे नदी में प्रदुषण होता है और जंगली जानवरो द्वारा खाने का भी खतरा रहता है ।
गीता घाट आश्रम शीर्ष से आप प्रकृति की खूबसूरती को बेहद करीब से देख सकते हैं और इसका आनंद ले सकते हैं
गीता घाट आश्रम शीर्ष से आप प्रकृति की खूबसूरती को बेहद करीब से देख सकते हैं और इसका आनंद ले सकते हैं

और अंत में, अगर यह खबर अच्छी लगी हो और बिहार के पर्यटन को बढ़ावा देना चाहते हैं तो इसे अपने दोस्तो व रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर कीजिए । उपर और नीचे शेयर बटन लगे हुए हैं ।

Subscribe to our newsletter

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.

Sasaram Ki Galiyan
Sasaram Ki Galiyanhttps://www.sasaramkigaliyan.com
Sasaram Ki Galiyan is a Sasaram dedicated Digital Media Portal which brings you the latest updates from across Sasaram,Bihar and India.
- Advertisment -spot_img

Most Popular

error: Content is protected !!