पिछले कई महीनों से सासाराम के न्यू एरिया मुहल्ले से लेकर मेहता कॉलोनी और रोहित इंटरनेशनल तक गड्ढों और नालियों में तब्दील हो चुके जीटी रोड पर चलने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।
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जीर्णोद्वार कार्य जारी
जीटी रोड चौड़ीकरण का कार्य सासाराम जारी है (Gt Road Repairing ) । अभी फजलगंज मुहल्ले में कार्य चल रहा है । वहां से होते हुए न्यू एरिया और मेहता कॉलोनी तक भी पहुंचेगा । उसी समय इन गड्ढों को भर कर , नय रोड का निर्माण होगा ।
क्यूं हो रही है देरी ?
वन विभाग और बिजली विभाग से वृक्षों और बिजली खंभों को हटाने की अनुमति मिलने में देरी के चलते , सड़क निर्माण में देरी हो रही है ।
रुक रुक कर हो रहा है काम
जहां पर फ्रेश एरिया है , अर्थात जहां पर बिजली विभाग और वन विभाग कि कोई संपत्ति नहीं है और जहां पर काम करने में कोई दिक्कत नहीं है । वहां वहां काम हो रहा है ।
बाकी जगह भी होगा काम
अन्य विभागों से विभागीय कार्य पूरा हो जाने पर बीच बीच के छूटे हुए जगहों पर भी काम होगा ।
हमने काम शुरू होते ही बताया था
Sasaram Ki Galiyan के फेसबुक पेज के माध्यम से शहरवासियों को यह खुशखबरी उसी समय दे दिया गया था , जब काम चालू हुआ था ।
उस समय एसपी जैन कॉलेज के पास काम शुरू होते ही, उपर बताए गए विभागीय परेशानियों के चलते काम रुक गया था, लेकिन फिर पुनः शुरू हो चुका था ।
काम का न्यूट्रल हिसाब किताब
जैसा कि आप जानते हैं कि हम लोग न्यूट्रल रूप से किसी भी कार्य के लिए काम शुरू कराने वाले नेता या अधिकारियों को क्रेडिट दे कर अच्छे कार्यों को अधिक से अधिक करने के लिए मोटिवेट करने या काम नहीं होने पर खिचाई करने में कोताही नहीं करते ।
आप इसी वेबसाइट के सासाराम मेन्यू में जा कर, 6. इश्यू नाम के सब मेन्यू के अंदर इन सब चीजों को देख सकते हैं ।
यह कार्य स्थानीय विधायक डॉक्टर अशोक कुमार कुशवाहा के अनुसंशा पर शुरू हुआ था । बिहार सरकार ने रुचि दिखा कर काम शुरू करवाया था । उस समय का अख़बार चेक कीजिएगा तो, पता चलेगा की सभी मीडिया ने भी इस खबर को इसी रूप में प्रमुखता से छापा था ।
अमरा बभनपूर्वा रोड बदहाल , ग्रामीण परेशान !!
अमरा बभनपूर्वा रोड के जर्जर होने से ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।
समस्या लंबी है, नई नहीं है
ग्रामीण आशुतोष बताते हैं की यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है ।
गांव के लोगो को सड़क अच्छी नहीं होने के कारण आने जाने में तकलीफें होती है और एक्सिडेंट का खतरा बना रहता है ।
जनप्रतिनिधियों से नाराज़ ग्रामीण
ग्रामीण सड़क के दुर्दशा के कारण अपने स्थानीय जन प्रतिनिधि ( मुखिया, विधायक, सांसद, विधान परिषद, राज्यसभा सांसद) से नाराज़ हैं ।