केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सासाराम वन प्रमंडल में दूसरे टाइगर रिजर्व के लिए कार्यों को मूर्त रूप देने में लग गया है (Rohtas forest division will soon become Tiger Reserve) . दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की 19वीं बैठक में रोहतास वन प्रमंडल सासाराम पर चर्चा की गयी.
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राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की बैठक में सहमति
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वाल्मीकिनगर के बाद कैमूर व रोहतास में बिहार का दूसरा टाइगर रिजर्व मिलने की सहमति बनी है.विभाग के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने यह जानकारी दी.
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान अक्सर स्थानीय लोग यहां पर बाघ देखने के बारे में अवगत कराते रहते हैं. इस संबंध में मंत्रालय भी लगातार सक्रिय था.
देश दुनिया के लिए शुभसंकेत
देश में फिलहाल 51 टाइगर रिजर्व है, दुनिया भर में बाघों की घटती हुई संख्या चिंताजनक है . हालांकि हाल के वर्षो में भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है और पहले के मुकाबले इनकी स्थिति सुधर रही है ,यह भारत के साथ दुनिया के लिए भी शुभसंकेत है .
इंडियन टाइगर रिजर्व नेटवर्क का विस्तार
केंद्र में बैठी मोदी सरकार अधिक से अधिक क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व नेटवर्क के तहत लाने के प्रयास कर रही है . पूरे शाहाबाद क्षेत्र में वन अभ्यारण को लेकर कार्य हो रहा है. यहां पर विभिन्न तरह के प्रवासी पक्षी भी आते हैं. इसे ध्यान में रहकर कार्य योजनाएं तैयार हो रही हैं.
समय समय पर इलाके में दिखते हैं बाघ
विदित हो कि पिछले वर्ष लॉक डाउन के दौरान एक बाघ को रोहतास वन प्रमंडल सासाराम के कैमूर पहाड़ी पर देखा गया था और उसके बाद से वन विभाग का उसपर पैनी नजर है . उस समय भी “सासाराम कि गलियां” ने प्रमुखता से ख़बर प्रकाशित किया था , अगर आपने उस खबर को नहीं पढ़ा था तो ,मेरे ऊपर क्लिक करके पढ़ सकते हैं .
कैमूर पहाड़ी और खासकर दुर्गावती जलाशय के आसपास का वन क्षेत्र बाघों के लिए काफी अनुकूल बताया जाता है. इस क्षेत्र को बिहार का दुसरा टाइगर रिजर्व जोन बनने के बाद देश और दुनिया में बाघों की संख्या बढ़ेगी तथा सासाराम,चेनारी,नौहट्टा, तिलौथू, अधौरा, भभुआ, कैमूर, रोहतास के साथ ही सम्पूर्ण शाहाबाद क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने का सकारात्मक माहौल बनेगा.