रक्षाबंधन के अगले रविवार को मांझर कुंड में हर वर्ष हजारों सैलानी पिकनिक मनाने जुटते हैं । आज भी यही मौका है , मतलब आज 2021 में रक्षाबंधन का ठीक अगला रविवार है । इस मौके पर दूर दराज से लोग खाने कि बर्तनों और सामग्रियों के साथ अपने पसंदीदा पिकनीक स्पॉट मांझर कुंड में पहुंचे हुए हैं ।
जगह जगह अपने ग्रुप के लोगों के साथ सैलानी मुर्गा भात, लिट्टी चोखा, लिट्टी मुर्गा का आनंद ले रहे हैं । जबकि कुछ लोग घर से रेडीमेड खाना भी लेकर पहुंचे हुए हैं ।
यहां पर खुशी का माहौल है । रोजमर्रा के भाग दौड़ भरी जिंदगी से ब्रेक लेकर सैलानी आज एन्जॉय करने अपने सगे संबंधियों के साथ बिंध्य पर्वत श्रृंखला के कैमूर पहाड़ी अन्तर्गत सासाराम स्थित मांझर कुंड में पहुंचे हुए हैं ।
सिक्ख और हिन्दू धर्म के लिए ख़ास है मांझर कुंड
प्राचीन काल से ही साधु संत और ऋषि मुनियों की तपोस्थली रही है । यहां पर आप कई संतो के आश्रम की इमारतें, मंदिर इत्यादि आज भी देख सकते हैं ।
सासाराम के सिक्ख समाज के लोग यहां पर तीन दिनों तक तीर्थ के रूप में बिताया करते थें । इस मौके पर गुरु ग्रंथ साहिब भी लाया जाता था ।
लेकिन धीरे धीरे मांझर कुंड पर दस्यु व असामजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगा । खाने पीने वाले लोग भी जुटने लगे । इस कारण अब गुरु ग्रंथ साहिब को नहीं लाया जाता है । सासाराम के गुरुद्वारा में ही रख दिया जाता है ।
युवाओं और वयस्कों में उत्साह
मांझर कुंड जलप्रपात की प्राकृतिक छटा के पास युवाओं एवं वयस्कों में पिकनिक के लिए खासा उत्साह रहता है ।सासाराम जिले के अलावा अन्य जगहों से लोग हाथ में बर्तन, गैस चूल्हा व अन्य सामान के साथ बाइक व चारपहिया वाहन से मांझर कुंड जलप्रपात के पास पिकनिक मनाने पहुंचते है ।