छठ 2020 : आज से लोक आस्था का महापर्व छठ महापर्व शुरू हो चुका है । आज छठ का पहला दिन है, यानी नहाय खाय है । इसके बाद खरना होगा । 20 नवंबर को दुनिया भर में अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया जाएगा।
छठ के आखिरी दिन 21 नवंबर को प्रात:काल उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पारण किया जाएगा। चार दिवसीय छठ महापर्व पर सूर्यदेव के साथ माता षष्ठी देवी की भी पूजा-अर्चना का परंपरा है।
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छठ 2020 की तैयारियां पूरी
छठ पूजा में साफ सफाई का विशेष महत्व है । नदी ,तलाब ,नहर में छठ करने की अभिन्न परम्परा है ।
लालगंज नहर पर त्रिलोचन घाट कुराईच साफ सफाई की व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है । नहर में पानी आ चुका है ।
न्यू स्टेडियम फजलगंज स्थित दुर्गाकुंड में छठ की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं । करपुरवा स्थित तालाब में भी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं । अन्य जगहों पर भी युद्ध स्तर से काम चल रहा है ।
पूजा कमिटी ने साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा है ।
प्रशासन ने घर पर छठ मनाने का आदेश दिया है
रोहतास जिला प्रशासन ने करोना के कारण घर पर ही छठ मनाने का आदेश दिया है ।
गरीबों पर डबल मार | Chath 2020
करोना के मार से पस्त हुए निचले तबके के लोग , जो छठ पूजा में मेला के अंदर दुकानें लगाकर आर्थिक स्थिति कुछ ठीक करने के आस लगाए बैठे थे , उनके मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
पूर्व विधायक ने अपने ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
सासाराम से 5 बार भाजपा विधायक रह चुके जवाहर प्रसाद ने एक निजी चैनल पर बिहार सरकार से छठ पूजा के लिए घाटों को साफ कराने और , घाट पर ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ प्रशासन के देख रख में नियमो के साथ छठ पूजा कराने का मांग किया है ।
जवाहर प्रसाद ने बिहार सरकार से सवाल पूछा
पूर्व विधायक ने सरकार से पूछा कि , अभी चुनाव में रैलियों के अंदर भीड़ जुटाते समय करोना के नियम कहां गए थे ?
जब करोना में चुनाव हो सकता है तो छठ क्यूं नहीं ?
प्रधानमंत्री का वादा हुआ झूठा …बन गया जुमला
Chath 2020 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार चुनाव के दौरान, छपरा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बिहार के महिलाओं को छठ करने का बात कहा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि ” मां आप छठ पूजा की तैयारी करो, चिंता करने के लिए आपका बेटा दिल्ली में बैठा है” । मोदी के इस वादे से बिहार के लोग छठ करने के लिए निश्चिंत हो गए थें ।
लेकिन , प्रशासन के द्वारा घर के अंदर छठ करने के आदेश को सुनकर , लोग हैरान हैं । नाराज लोग कह रहे है कि, चुनावी फायदे के लिए प्रधानमंत्री बिहारवासियों के आस्था और भावनाओं के साथ खेल करके चले गए।
समर्थक उतरे मोदी के बचाव में
समर्थक इस मुद्दे पर कन्नी कटाते नजर आ रहे हैं । वो कुछ भी बोलने से बच रहे हैं । देश ,समाज ,संस्कृति और पार्टी,नेता से वफादारी को लेकर असमंजस की स्थिति है ।
आम आदमी और जनता नाराज
न्यूट्रल जनता जो कभी किसी नेता या पार्टी का समर्थक नहीं होती, जो सिर्फ नागरिक हितों की बात करती है, जो सिर्फ और सिर्फ अपने संस्कृति, देश और समाज के प्रति वफादार रहती है, नेताओं और पार्टियों के प्रति नहीं । वैसे लोग चुनाव के समय प्रधानमंत्री के झूठे वादे और प्रशासन के असली आदेश से नाराज़ हैं ।
उनका कहना है कि, छठ तो बहते पानी में होता है । किसी के घर के अंदर नदी , नहर, तलाब नहीं है । अगर दूसरे तरीके से छठ किया जाए तो , फिर स्वरूप ही बदल जाएगा ।
वो छठ थोड़े रहेगा । ठीक उसी तरह जैसे दिन की पहचान सूर्य और रात का पहचान चंद्रमा से होता है , वैसे ही छठ का पहचान नदी, नहर ,तलाब से है ।
अगर छठ पर यही करना था तो , प्रधानमंत्री ने झूठ बोल कर लोगो के आस्था और भावनाओं के साथ खिलवाड़ क्यूं किया ? एक सच्चा आम आदमी नेता और पार्टी के प्रति वफादार नहीं होता, बल्कि अपने संस्कृति, समाज और देश के लिए वफादार होता है ।
क्या है प्रशासन के छठ 2020 आदेश ?
सोमवार को स्थानीय समाहरणालय परिसर में डीएम पंकज दीक्षित ने लोकआस्था के महापर्व छठ के आयोजन को ले कर कई बातें कहा । उन्होंने कहा कि नदी, तालाबों, नहरों व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर सामूहिक रूप की बजाए घर पर छठ व्रत करने व अर्घ्य देने के लिए प्रेरित करना है ।
मंगलवार को आयोजित शांति समिति के बैठक में कहा गया कि, अपने क्षेत्र के एसडीएम से अनुमति लेने के बाद ही पूजा समिति छठ व्रत का आयोजन करेंगे। इसके लिए उनके घाटों पर व्रत करने वाले व्रतियों की सूची भी एसडीएम को उपलब्ध करानी होगी । साथ ही पूजा समिति के सदस्यों को भी घाटों की बजाए व्रतियों को घर पर ही अर्घ्य देने के लिए प्रेरित करना होगा ।
पानी में लोग डुबकी न लगाए और घाट पर भीड़ नहीं हो इसके लिए घाटों की बैरिकडिग, सैनिटाइजेशन समेत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया जाएगा। एसडीएम, सीओ, बीडीओ, एसडीपीओ व थानाध्यक्ष इन नियमों को पालन करवाएंगे ।