सासाराम में करोना ,चुनाव, त्योहार : 2020 यानी विश्व भर कर लिए एक भारी भरकम और मनहूस वर्ष । इस करोना काल में बिहार का सासाराम शहर भी वैश्विक प्रभाव से अछूता नहीं रहा । शिक्षक वेतन के लिए परेशान हैं तो छात्र फीस के लिए परेशान हैं और इन सब के बीच नेता जी !! नेता जी भी वोटों के लिए परेशान हैं । हर जगह भाग दौड़ है….दौड़ के बाद थकान है और उसके आगे लाचारी , बेबसी की मार है ।
इस भारी समय में शहर के व्यवसायियों के व्यवसाय पर क्या असर पड़ा है , चलिए जानने की कोशिशें करते हैं।
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क्वालिटी टेलर्स
50 वर्षों से टेलरिंग करने वाले परिवार के दूसरे पीढ़ी के सदस्य और शहर के ठाकुर मार्केट स्थित प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान के प्रोप्राइटर डॉ जावेद अख्तर जी बताते हैं कि , इस मुश्किल दौर में ग्राहकों की भीड़ में कमी आई है ।
पहले इनका दुकान खचाखच भरा रहता था, रात को भी कारीगर काम करते थें लेकिन अब इसमें गिरावट आई है । काम अभी भी हो रहा है, त्योहारों में देर रात तक काम चल रहा है लेकिन इस बार पहले वाली बात नहीं है ।
पप्पू जी बताते हैं कि, अभी अपर मिडिल क्लास की भीड़ ही आ रही है, खास कर पर्व त्योहारों के लिए । नॉर्मल सिलाई के ग्राहक कम हुए है ।
मंगलम साड़ी एंड ज्वेलर्स
शहर के प्रतिष्ठित दुकानों में सुमार धर्मशाला रोड स्थित मंगलम साड़ी एंड ज्वेलर्स के प्रोप्राइटर श्री राजेन्द्र प्रसाद जी कहते हैं कि एफडीआई के कारण, करोना से डबल मार पड़ा है व्यापारियों पर ।
एफडीआई यानी फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट से बड़े व्यापारियों , ऑनलाइन बिजनेस और विदेशी कम्पनियों को फायदा हुआ है लेकिन, लोकल व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है ।
व्यापार में भारी गिरावट है , लॉकडॉउन अवधी में दुकानें बन्द थीं, ऐसे में सरकार को चाहिए कि कम से कम उस पीरिएड का बिजली बिल माफ हो या कम किया जाए । इससे व्यापारियों के जख्म पर थोड़ा बहुत मरहम जरूर लगेगा ।
राज ज्वेलर्स
सासाराम के नामी प्रतिष्ठानों में से एक राज ज्वेलर्स के प्रोप्राइटर लिटिल बताते हैं की , ज्वेलरी का बाज़ार मंदा है ।
करोना काल में आर्थिक संकटों का सामना सभी को करना पड़ा है, इसलिए लोगों की पर्चेजिंग पॉवर में व्यापक घटोटरी हुई है । सरकार को चाहिए कि , व्यवसायों को सब्सिडी दे या टैक्सों में कुछ कंसेसन दे ताकि अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौट सके ।