उस पार्क की गीली घाँस पर, तेरी-मेरी साँस के निशान बाकी हैं ! मेरी रूह में, तेरी मदहोशी के निशान बाकी है ! तेरे होने के, अब भी कुछ निशान बाकी हैं !
उपर थंबनेल वाली शेरशाह सूरी पार्क की तस्वीर पुरानी है , यह उन दिनों की तस्वीर है जब हरे हरे घासों पर रोज सुबह सूरज की लालिमा ओढ़े शेरशाह सूरी की आत्मा रूपी पार्क अपने नाती पोतों को देख कर तृप्त हुआ करती थी ।
वो घास पर टहलते वयस्क , मोदी राहुल की बातें करते वृद्ध , उछलते कूदते बच्चे और अंकलों का नाश्ता बनाने से पहले सुकून से टहलती आंटीयां….अपनी जिंदगी जीती आंटीयां !!
पढ़ाई लिखाई , काम-धाम के सिलसिले से प्रदेशी बने सासारामवासी जब अपने देश में आते थें , तो यही शेरशाह सूरी मकबरा का पार्क उन्हे मां समान अपने बाहों में भर लेता था …उन्हे अपनी मातृभूमि के स्पेशल होने का एहसास कराता था ।
यह पार्क “बचपन का प्यार” और “लंगोटिया यारी” का गवाह बनता था । मां ताराचण्डी के लाडलों की कई कई पीढ़ियों के मस्तिष्क पर इस पार्क की कभी न मिटाई जा सकने वाली यादों की गहरी छाप है ।
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कई बार पार्क बंद करने का असफल प्रयास हुआ
दशकों से कई बार पार्क को बंद करने के लिए हथगंडा ,कभी सख्ती, तो कभी टिकट लगा कर लोगों को टहलने से रोकने का प्रयास समय समय पर किया जाता रहा है । लेकिन नागरिकों की एकता हर बार प्रयास असफल करती रही । तत्कालीन विधायक जवाहर प्रसाद का भी सपोर्ट इस मामले में नागरिकों को हमेशा मिलता था ।
जब 100 मीटर व 200 मीटर के अंदर घर तोड़ने व 1 मंजिल तक रखने वाला विवाद हुआ था तब भी पार्क को बड़े ही चालाकी से बंद करने की कोशिशें की गई थी । लेकिन उस समय तत्कालीन विधायक जवाहर प्रसाद सुबह टहलने वाले लोगों को लेकर अधिकारी के कार्यालय में पहुंच गए थें । काफी दबाव बनाने के बाद एएसआई को शहरवासियों से उनके धरोहर पर पहला व जरुरी हक छीनने से पीछे हटना पड़ा था ।
जब बुरी नज़र लग ही गई !
दशकों से शहरवासियों को सैर-सपाट स्वास्थ्य केंद्र के रूप में निरंतर सेवा देने वाला पार्क लॉकडाउन कि भेंट चढ़ गया । वर्षों से मौका की तलास में रहने वालों के लिए यह “मौका देख कर चौका” लगाने का सुनहरा मौका था ।
कामचोर अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए चांदी
शेरशाह मकबरा पार्क को हमेशा के लिए महामारी के नाम पर बंद कर दिया गया । इससे नियमित साफ सफाई, घासों की कटाई , सिंचाई का झंझट भी सदा के लिए खत्म हो गया । लोग नहीं जाएंगे तो गंदगी नहीं होगी , साफ़ सफाई के भी पैसे बचेंगे ।
ये मैं नही कह रहा हूं बल्कि 6 महीना पहले डीएम सर के साथ “सासाराम कि गलियां” (Sasaram Ki Galiyan) के द्वारा पार्क खोलने के सवाल पर नगर निगम के तत्कालीन ईओ राजेश गुप्ता ने यह तर्क दिया था । डीएम सर ने उन्हें उसी समय फटकारा भी था की , ऐसे तो एक्सीडेंट रोकने के लिए रोड ही बंद करवा दिया है ? उन्होंने कहा कि गंदगी कंट्रोल करने के लिए डस्टबिन लगाइए, गार्ड रखिए, फाईन लगाइए लेकिन पहले की तरह पार्क खोल दिजिए ।
ईओ राजेश गुप्ता के बाद एएसआई अधिकारी को भी मेरे सामने डीएम सर द्वारा बोला गया था, दोनों ने पार्क खोलने पर सहमति भी जताया था । “सासाराम कि गलियां” के फेसबुक पेज पर डीएम सर द्वारा पार्क खोलवाने के वादा का वीडियो भी डाला गया था ,अभी भी पेज पर मौजूद है । लेकिन जब एएसआई सासाराम कि नियत खोटी हो तो बहाने हजार रहते है । येन केन प्रकारेण यह मामला इन लोगों ने लटका दिया , 6 महीने हो गए पार्क नहीं खुला ।
पार्क नहीं खुलने पर डीएम सर निराश , लगाई क्लास
कल दिनांक 30 दिसंबर 2021 को डीएम के समक्ष “सासाराम कि गलियां” ने पुनः पार्क के मसले को उठाया और हमने कहा की पिछले बार आपने कहा था की पार्क खुलेगा लेकिन 6 महीना बीतने के बाद भी काम नहीं हो पाना दुखद है ।
डीएम ने दिखाया कि उन्होंने इसके लिए दिल्ली पत्र लिखा था, वो पत्र दिल्ली से पटना आया और पटना से घूम कर फिर इन्ही के पास आ गया ।
इसके बाद उन्होंने तुरंत एएसआई अधिकारी को फोन लगाया उन्हे याद दिलाया कि 6 महीना पहले उन्हें पार्क खोलने के लिए कहा गया था , अभी तक नहीं खुला । ऐसी कौन सी समस्या आ गई, जिसके कारण काम लटकाया गया ?
एएसआई अधिकारी ने महामारी का हवाला दिया ।
डीएम ने सख्त लहजे में कहा की देश भर के सभी पार्क खोल दिए गए, स्कूल ,कॉलेज, सिनेमाहॉल भी खुल गए फिर ये पार्क क्यूं बंद है ?
एएसआई अधिकारी “दाल नहीं गलता हुआ देख कर”, पार्क खोलने पर सहमति जताया ।
बिहार सरकार का नियम नहीं लगता है शेरशाह पार्क पर
जैसा की आप सभी जानते हैं की 30 दिसंबर 2021से 2 जनवरी तक बिहार सरकार द्वारा सभी पार्क बंद किए गए हैं । लेकिन आपको बताते चलें की शेरशाह पार्क भारत सरकार के एएसआई विभाग के अधीन है । यह नॉर्मल पार्क नहीं है, जिस पर बिहार सरकार का नियम लगे।
सुरक्षा कि दृष्टि से पार्क 30 से 2 तारीख तक बंद रहेगा
न्यू ईयर के दिन हजारों लोगों के जुटने की संभावना व बढ़ते हुए महामारी को देखते हुए एएसआई विभाग सासाराम शेरशाह पार्क को बंद रखेगा । बिहार सरकार का नियम भले ही शेरशाह पार्क पर नियमतः नहीं लगता हो, लेकिन सुरक्षा के लिए इसको स्वतः स्टैण्डर्ड प्रोटोकॉल मानकर पालन किया जाएगा ।
तो पार्क कब खुलेगा ?
एएसआई अधिकारी ने डीएम सर के आदेश का अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर किया है । उन्होंने कहा है की अगर सरकार से महामारी को लेकर कोई विशेष नोटिफिकेशन नहीं आता है और हालात नहीं बिगड़ता है तो जनवरी महीना में ही जल्द से जल्द पार्क खोल दिया जाएगा । सुबह में टहलने के लिए पार्क पहले की तरह फ्री रहेगा ।
आपको बताते चलें की, डीएम धर्मेंद्र कुमार शेरशाह पार्क के विकास के लिए एएसआई के एक बड़े अधिकारी से भी बात करेंगे और वो जल्द ही सासाराम आने वाली हैं , उनसे उस समय विस्तार से चर्चा किया जाएगा अगर पार्क से संबंधित कोई परेशानी आती है तो डीएम सर मैडम को भी अवगत कराएंगे ।