एक जबाने में संपूर्ण हिंदुस्तान यानी आज के पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत में सासाराम की तुंती बोला करती थी। यह वही सासाराम है जिसके मिट्टी में खेल कर भारत को मुगलों के चुंगल से मुक्त कराने वाला शेरशाह सूरी बड़ा हुआ था ।उसने जिंदगी भर देश को दिया , कभी किसी पर ज़ुल्म नहीं किया । शेरशाह सूरी का दिया हुआ पोस्टल सिस्टम , रुपए को पूरा भारत उपयोग करता है ।
सम्राट अशोक महान के कार्यकाल में जनकल्याण हेतु 8 चरणों में निर्मित मौर्यवंश की निशानी यानी उत्तरपथ सड़क जो कि रख रखाव के अभाव में जर्जर हो चुकी थी, उसमें जान फूंक कर पुनः सड़क ए आजम अर्थात बादशाही सड़क ( अंग्रेजो का जीटी रोड) के नाम से भारतीय सड़क परिवाहन को लाईफ लाइन देने वाले शेरशाह सूरी के शहर को बार बार कैसे नजरअंदाज कर दिया गया ? भारत की सरकारें शेरशाह के उपकारों को कैसे भूलती रही..क्यूं हर बार नाइंसाफी हुई सासाराम के साथ ? इस पर सवाल तो बनता ही है ।
बिहार के 15 जिलों में लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट, सासाराम बाहर
कोरोना के दूसरी लहर में ऑक्सीजन सप्लाई के बढ़ते संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा किया है । केंद्र सरकार की घोषणा के अनुसार पूरे देश में 551 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे।
इसमें बिहार के 15 जिले शामिल हैं । नए ऑक्सीजन प्लांटों के लगने से आस पास के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ा इजाफा होगा। नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने से स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन भी होगा ।
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बिहार के इन जिलों में लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो की ओर से जारी सूचना के अनुसार बिहार के बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, गया, गोपालगंज, कटिहार, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पटना, पूर्णिया, सहरसा और वैशाली जिले में नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे।
लिस्ट से बाहर है सासाराम
हर बार की तरह सासाराम के साथ इस बार भी नाइंसाफी ही हुई है । बिहार के राजगीर में पर्यटन का विकास हुआ तो भागलपुर में एयरपोर्ट खुला, पटना में एम्स खुला तो औरंगाबाद में एनटीपीसी आया
लेकिन 7 विधायक , 3 सांसद ( लोकसभा + राज्यसभा) और 2 विधान पार्षद रखने वाले सासाराम ( **जिले के सेंस में) के नसीब में सड़क जाम, जल जालमाव, गंदगी, टूटी सड़कें, बाजारों में धूल और खराब हो चुकी स्ट्रीट लाइटों की अंधेरी रात के अलावा कुछ नहीं मिला ।
वोट लिया भर भर के…दिया बाबा जी का ठुल्लू
अगर राजनीति और वोटों की बात करें तो सासाराम का स्थान देश और राज्य की राजनीति में अहम है । जिले से 7 विधायक , 3 सांसद ( लोकसभा + राज्यसभा) और 2 विधान पार्षद हैं । विजय मंडल, फतेह बहादुर कुशवाहा, अरुण सिंह कुशवाहा, राजेश गुप्ता, अनीता चौधरी, मुरारी गौतम और संतोष मिश्र विधायक हैं , जबकि महाबली सिंह कुशवाहा , छेदी पासवान लोकसभा सांसद हैं , वहीं गोपाल नारायण सिंह राज्यसभा सांसद हैं । यह लिस्ट यही ख़तम नहीं हुई बल्कि इस इलाके से संतोष सिंह और निवेदिता सिंह विधान पार्षद भी है ।
हमेशा दिया देश को, बदले में मिला कुछ नहीं
सासाराम ने जगजीवन राम के रूप में देश को पूर्व उप प्रधानमंत्री दिया है , प्रथम महिला लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार , बिहार विधान पार्षद सभापति अवधेश नारायण सिंह जैसे बड़े बड़े नेताओं को इसी मिट्टी ने कामयाब बनाया है । इन सभी लोगों ने भारत को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । इन सबके बावजूद भी सासाराम को कभी कुछ खास नसीब नहीं हुआ ।
औरंगाबाद में पहले से है ऑक्सीजन प्लांट
औरंगाबाद के बारुण में पुराना ऑक्सीजन प्लांट है , इसकी कैपेसिटी कम है । अभी तक इसी से सासाराम तक ऑक्सीजन पहुंचता था । लेकिन जब बिहार के 15 जिलों में नए ऑक्सीजन प्लांटों की घोषणा हुई , तो उसमे सासाराम का नाम नहीं होने से भविष्य में भी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए यहां के लोगो को दूसरे जिलों पर निर्भर रहना पड़ेगा ।
दाम महंगा होगा क्यूंकि ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट जुड़ेगा । रोजगार के अवसर कम होंगे ,क्यूंकि नए प्लांट लगते तो यहां के लोगों को रोजगार भी मिलता ।
उद्योगों और अस्पतालों पर भी असर पड़ेगा
सुविधाएं एक दूसरे से जुड़ी होती है । माहौल से तय होती है विकास कि राहें । जहां पर ऑक्सीजन प्लांट होंगे वहां इंडस्ट्रीयल और मेडिकल गतिविधियां अपने आप बढ़ जाएंगी ।
अस्पतालों की स्थित जर्जर
इलाके में ढंग का एक भी सरकारी अस्पताल या सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है। सासाराम सदर अस्पताल के वेंटिलेटर बन्द पड़े है, उन्हें चलाने के लिए ऑपरेटर नहीं है ।
करोना काल में सदर अस्पताल से इस तरह की खबरें डरावनी है और स्थित को समझने के लिए काफी हैं ।
बनारस और गया के बीच सासाराम अहम शहर है
भारत के दोनों प्राचीन शहरों ( बनारस और गया) के बीच में एक और प्राचीन शहर है , उसका नाम है सासाराम । सासाराम के चंदन शहीद मजार के पास स्थित मौर्यवंशी सम्राट अशोक महान का लघु शिलालेख, शहर के प्राचीनता और इसके महात्ता का जीता जागता सबूत है ।
आप क्या करें ?
- अगर आप विधायक,सांसद या विधान पार्षद हैं
आप सरकार के विभिन्न प्लेटफार्मो पर अपने लोगों के सवालों को जोरदार तरीके से रखें। अपने लोगों को ऐसी चीज दें, जिससे आपका नाम अमर हो जाए । लोग जब यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज, उद्योग, पर्यटक स्थलों पर जाएं तो याद करें कि फलाने नेता ने बनवाया था ।
जिले के एक दो बिजनेसमैन जो अपने स्वार्थ और साम्राज्य को बनाए रखने के लालच में यहां कुछ भी होने नहीं देते, उनसे दूर रहें । क्यूंकि ये सभी सेट लोग है , पैसे के लिए बिजनेस है तो पॉवर के लिए पिछले दरवाजे से राजनीति । ये लोग जनता से वोट नहीं लेते, पिछले दरवाजे से पद हासिल कर लेते हैं। लेकिन आपका केस इनसे अलग है, आपको वोट लेना है।
सरकार या पार्टी से डरें नहीं, क्यूंकि जब आप जनता के लिए लड़ेंगे और आपकी ईमानदार लड़ाई जनता को दिखाई देगी तो आप निर्दलीय भी जीत जाएंगे ।
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अगर आप आम जनता है ,तो ये करें !
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