शहर में लॉकडॉउन हो रहा है फेल, नहीं हो रहा अच्छे से पालन । बिना मास्क और सामाजिक दूरी के सड़कों पर घूम रहे है लोग । बाज़ार में कई चौक चौराहों पर कुछ लोग बैठ कर गपें उड़ाते भी देखे गए हैं । खास कर पुराने शहर और बाज़ार के तरफ ।
जो दुकानों सरकारी आदेशों से खुल भी रहें है ,वहां भी सामाजिक दूरी के पालन करने के लिए ,खास दूरी के अंतराल पर गोला नहीं बनाया गया है । जबकि ये काम सस्ते में हो सकता है । चूना, आंटा या 3rd क्लास के सस्ते पेंट से भी बनाया जा सकता है । लॉकडॉउन के पालन के लिए जितनी जिम्मेवारी शाशन प्रशासन की है ,उतनी ही जनता की भी जवाबदेही है । ये सच है कि ,पुलिस एक एक आदमी के पीछे डंडा लेकर खड़ी नहीं हो सकती । हमारे देश में आबादी के हिसाब से न तो पर्याप्त मात्रा में पुलिस है और नाही संसाधन । लोगों को अपने भले बुरे के बारे में खुद सोचना होगा और खुद भी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी ।
प्रशासन और सरकार का पूरा फ़ोकस करोना मरीजों , व्यवस्था, इलाज के प्रति होनी चाहिए । अगर विधि व्यवस्था में ही पूरा सिस्टम का एनर्जी बर्बाद होगा तो ,बाकी चीजों में कमी आएगी ही आएगी । बीमारी का रोकथाम अच्छे से नहीं हो पाने से जनता का ही लॉस होगा ।
प्रशासन और शासन से समय समय पर सवाल पूछना जरूरी है, क्यूंकि अगर लोकतंत्र में ऐसा नहीं होगा तो सिस्टम निरंकुश हो जाएगा । जिसका नतीजा फिर जनता को ही भुगतना पड़ेगा । आप काम के लिए जाएंगे तो आपका काम नहीं होगा । कहीं कोई सुनवाई नहीं होगी । उल्टा आप पर ही पूर्वाग्रह से प्रेरणीत हो कर कार्यवाई होने लगेगा ।
सवाल पूछीए,जवाब भी सुनिए और संतुष्ट न हो तो फिर से पूछिए । यह सिलसिला निरन्तर जाति ,धर्म,पार्टी ,पसंद ना पसंद से ऊपर उठ कर चलता रहना चाहिए । जैसे सोने को तपाने से उसमे निखार आता है । वैसे ही सिस्टिम से सवाल जबाब करने से सिस्टम में निखार आता है ।
कृपया लॉकडॉउन का पालन कीजिए, दूसरों को भी जागरूक कीजिए । प्रशासन का सहयोग कीजिए ,सवाल भी पूछिए । और मिल जुल कर सासाराम को करोना मुक्त बनाने और फिर से रेड ज़ोन से निकाल कर ग्रीन ज़ोन में लाने में अपना पुरुषार्थ दिखाइए ।