Durga Puja Sasaram भारतीय संस्कृति में दशहरा त्योहार एक बड़ा पर्व होता है । इसमें मां शक्ति की आराधना की जाती है ।
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समाज के लिए वरदान है दशहरा
दशहरा आम भारतीयों के घर खुशियों का सौगात ले कर आता है, तो दूसरी तरफ गरीबों के लिए रोजगार और जीविका का साधन मुहैया करवाता है । मूर्तिकार दशहरा के कमाई से वर्ष भर खाने और परिवार के लालन पालन का इंतेजाम कर पाते हैं।
नेताओं के प्रपंच से आफत
करोना काल में बिहार में चुनाव हो रहा है । नेताओं की बड़ी बड़ी सभाएं हो रही है । नेताओं के पंडाल बन रहे हैं । लाखों के हुजूम में सोशल डिस्टेंसिंग की धाजिया उड़ाई जा रही है । पानी की तरह पैसे बहाए जा रहे हैं ।
लेकिन करोना को ढाल बना कर ,पढ़े लिखों को रोजगार देने में असक्षम सिस्टम ने परंपरागत मूर्तिकारों को भी गरीब से दरिद्र बनने के लिए छोड़ दिया है । सरकारी फरमान है कि पूजा पंडाल नहीं बनेंगे । लॉकडॉउन ने तो पहले से ही सबका कमर तोड़ रखा है, अब उपर से नेताओं के प्रपंच ने जीना भी मुहाल बना दिया ।
सासाराम के मूर्तिकार कराह रहे हैं
दुर्गा पूजा की मूर्तियां कई महीने पहले से बननी शुरू हो जाती हैं। सासाराम के जगदेव पथ, बौलिया रोड, प्रतापगंज, शोभगंज, बांध रोड, गजराण इत्यादि मुहल्लों में मूर्तिकार बड़ी संख्या में रहते हैं।
लंबे लॉकडाउन में पहले से अर्जित धन संसाधन गंवा चुके प्रयाग आर्ट्स, रघुनाथ आर्ट्स सहित अन्य सभी बड़े छोटे मूर्तिकार इस बार मूर्ति बनाने के बाद , बिक्री नहीं होने के कारण अंदर से टूट चुके हैं ।
छोटे मूर्तिकार अपना दुख बताते हुए रोने लग जा रहे हैं ।
यह भी था रास्ता | Durga Puja Sasaram
करोना के बीच पर चुनाव कराने वाले ढोंगी सिस्टम अगर दुर्गा पूजा नहीं मनाने देना था तो कम से कम लोकल स्तर पर बिना भव्य पंडाल के मूर्ति रखने देना चाहिए था ।
यह नियम बन सकता था कि, उसी मुहल्ले के लोग उसमे आएंगे , एक मुहल्ले के लोग दूसरे मुहल्ले में घूमने नहीं जाएंगे । इससे समाज में एक अच्छा मेसेज भी जाता और मूर्तिकारों के घरों में चूल्हे भी जलते।
Sasaram Ki Galiyan अपील करता है
प्रिय साथियों, कृपया अपने आस पास के छोटे मूर्तिकारों का यथा संभव आर्थिक मदद जरूर करें । अगर आप जा सकते हैं तो ,उपर में बताए गए मुहल्लों में जा कर भी अपने बुद्धि विवेक का इस्तेमाल करते हुए जो सच में जरूरतमंद दिखे उनकी मदद जरूर करें ।
सिस्टम से सवाल
जब चुनाव हो सकता है, रैली हो सकता है, जनसंपर्क यात्रा हो सकता है तो दुर्गा पूजा क्यूं नहीं ?