लॉक डॉउन के चलते बाराबंकी से पटना जा रही महिला पिछले 5 दिनों से जब अपने बच्चों के साथ अपने अपने पति से बिछड़ गई तो सासाराम की प्रखंड प्रमुख रामकुमारी देवी ने थामा लिया उसका हाथ । यह भटकने वाली महिला मजदूर है ,जिसका नाम उर्मिला देवी है । वह अपने परिवार के साथ लॉकडॉउन में उत्तरप्रदेश के वाराणसी से बिहार के बारांबकी जा रही थी । उसने बताया कि जब वो लोग वाराणसी पहुंचे तो पति सुजीत बिंद ने उसके 3 बच्चों के साथ ट्रक पर बैठा दिया और खुद साईकिल से आने का वादा किया ।
ट्रक वाले ने महिला और उसके बच्चों को सासाराम शहर के पास स्थित अमरा तलाव में उतार दिया । महिला और बच्चे भटक गए । गरीब मजदूर महिला के सामने खाने पीने और रहने का संकट खड़ा हो गया । तभी, आस पास के क्षेत्रों में खाद्य सामग्रियां वितरण करके लौट रही सासाराम प्रखंड प्रमुख की नजर इन वेवस महिला और उसके बच्चों पर पड़ी । उन्होंने अपना गाड़ी रोका , महिला से बात करके करुणा उमड़ पड़ा । महिला की दुखभरी कहानी किसी भी सभ्य इंसान को झझकोर सकती थीं ।
प्रखंड प्रमुख ने मानवता दिखाते हुए , मजदूर महिला को क्वारांटाइन सेंटर में भर्ती कराया । इसी क्वारांटाइन सेंटर में महिला और उसके बच्चों के रहने खाने का भी व्यवस्था कराया गया । इधर , रामकुमारी देवी उस महिला के गृह प्रशासन से लगातार संपर्क की कोशिशें कर रहीं थीं ,ताकि महिला की जानकारी उसके परिजनों तक पहुंचाई जा सके । उसके बाद प्रखंड प्रमुख के पहल पर जिला प्रशासन के मदद से एक बस पर बैठा कर महिला को उसके घर रवाना कर दिया गया । महिला ने घर पहुंच कर बताया कि ,उसके पति गांव में मौजूद हैं । पिता और परिजनों से मिलकर बच्चें बहुत खुश हैं । महिला भी ठीक है । महिला पटना जिला के विक्रम पाली के गरहरा ढीबरा गांव की रहने वाली है । प्रखंड प्रमुख रामकुमारी देवी के बताया की इस अभियान में सदर बीडीओ स्मृति जी ने भी अपनी ओर से सकारात्मक भूमिका निभाया हैं ।
“सासाराम की गलियां” संगठन रामकुमारी देवी, बीडीओ और नोडल अधिकारी के मानवता के इस जज्बे को सलाम करता है । इन सबके लिए एक शेयर बनता ही है ।