बिहार के सासाराम में दो युवा लेखकों ने वर्क फ्रॉम होम के दौरान कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर पुस्तक लिख डाली है । अमेरिकन पब्लिकेशन द्वारा इस पुस्तक को प्रकाशित किया गया है तथा पुस्तक जर्मनी में छपी है । स्प्रिंग बूट विथ रियेक्ट एंड एडब्ल्यूएस (Spring Boot With React And AWS) नामक पुस्तक को जिले के भाई-बहन ने लिखा है ।
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अमेजन पर उपलब्ध है किताब
जर्मनी में प्रिंटेड स्प्रिंग बूट विथ रियेक्ट एंड एडब्ल्यूएस (Spring Boot With React And AWS) नामक किताब अमेजन पर उपलब्ध है तथा ऑनलाइन खरीदा जा सकता है ।
रविकांत सोनी एवं उनकी बहन नम्रता सोनी ने इससे पूर्व भी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से संबंधित कई किताबों को लिखा है।अंग्रेजी भाषा में लिखी गई इनकी पूर्व की कई पुस्तकों की विभिन्न कॉलेजों एवं शैक्षणिक संस्थानों में काफी मांग है। जावा व अन्य कंप्यूटर भाषाओं पर रविकांत की लिखी हुई तीन पुस्तकें पहले भी प्रकाशित हो चुकी हैं।
हमारी प्रतिक्रिया
कुछ दिनों पहले जब इस किताब के लेखक रवि कांत सोनी ने मुझे यह किताब गिफ्ट किया तब से लेकर आज तक मैंने इसके 50 पन्नों से अधिक पन्नों को पढ़ लिया है । इस बीच इस किताब के बारे में कई अंग्रेजी और न्यूज 18, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित हिंदी के राष्ट्रीय मिडिया संस्थानों में खबरें चल चुकी हैं ।
मैं मनीष मौर्या , “सासाराम कि गलियां” का संस्थापक और बैंगलोर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर इस किताब को पढ़ने के बाद अच्छे से कह सकता हूं की , रवि जी और उनकी बहन ने इसे लाने में दिन रात मेहनत किया होगा । यह किताब बिगीनर और एक्सपीरियंस्ड दोनो तरह के टेकी लोगों के लिए लाभकारी है ।
रवि जी के पास 15 वर्षों का सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री अनुभव हैं, इसलिए इनके द्वारा लिखे गए किताब का मैं मूल्यांकन नहीं कर सकता लेकिन इनके अनुरोध पर प्रतिक्रिया देने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है ।
यह किताब स्प्रिंग बूट, रिएक्ट जेएस और अमेजन वेब सर्विसेज पर है और मैं भी अपने कंपनी में फिलहाल स्प्रिंग बूट पर ही काम कर रहा हूं । इस कारण मुझे इस किताब पर प्रतिक्रिया देने में काफी सहूलियत हुई है । इस किताब में pom.xml, dependency injection, annotations जैसे जरूरी छोटे छोटे जरूरी कंसेप्टों को भी टच किया गया है ।
जो लोग पढ़ना चाहते हैं ,और सासाराम शहर में आपका घर है तो , मुझसे मेरे व्हाट्सएप नंबर 9472390420 पर सपर्क करके कुछ दिनों के लिए ले सकते हैं ( फ्री में) ।
लॉकडाउन में आए थें सासाराम
आपको बताते चलें की रविकांत सोनी बैंगलोर के एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं । कोरोना काल के दौरान ये लोग लॉकडॉन के कारण अपने गृह शहर सासाराम आए थें । तब से ये लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं ।
माता,पिता और चाचा का विशेष योगदान है जीवन में
रवि कांत ने “सासाराम कि गलियां” को बताया की सासाराम के लश्करीगंज मोहल्ला में उनका पुश्तैनी मकान है, तथा ये लोग यहीं के मूल निवासी हैं । उनकी माता श्रीमती मनोरमा देवी गृहणी हैं, पिता जी का नाम स्वर्गीय रासबिहारी प्रसाद है, वह बिहार सरकार के अंदर जिला रोहतास के दिनारा में पंचायत सचिव थें । जबकी इनके चाचा जी अरुण कुमार सोनी पुश्तैनी ज्वेलरी दुकान संभालते हैं । माता, पिता और चाचा ने बचपन से सही मार्ग पकड़ने में बहुत मेहनत किया है और मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं ।
बाल विकास स्कूल के छात्र
रविकांत ने “सासाराम कि गलियां” को बताया कि उनका प्रारंभिक छात्र जीवन सासाराम में ही गुजरा है । स्थानीय बाल विकास विद्यालय से इन्होंने वर्ष 2001 में मैट्रिक किया है ।
शंकर कॉलेज से स्टेरोटाइप तोड़ा
उस दौर में जब बिहार की शिक्षा व्यवस्था अपने न्यूतम स्तर पर थी , बिहार के सरकारी स्कूलों की स्थित अभी से भी कई गुना बदतर हुआ करती थी तब इन्होंने स्थानीय श्री शंकर कॉलेज तकिया ,सासाराम से इंटर परीक्षा पास किया था । आज इस मुकाम पर पहुंच कर कुंठित नजर से देखा जाने वाला बिहार का शिक्षा व्यवस्था का स्टेरोटाईप भी तोड़ रहे है ।
इन्होंने इंटर के बाद रेवा यूनिवर्सिटी बैंगलोर से बीटेक किया और कैंपस प्लेसमेंट से ही इन्हे सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी मिल गई थी । तब से लेकर अभी तक इन्होंने कई कंपनियों में काम किया , सीखा और अब नई पीढ़ी के लिए सॉफ्टवेयर के कंसेप्टों को सीखना सरल बना रहे हैं ।