भारत सरकार द्वारा केंद्रीय स्वक्षता सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 जारी कर दिया गया है । यह सर्वेक्षण बड़े पैमाने पर होने वाला सरकारी सर्वेक्षण हैं , विभिन्न तरह की कैटेगरीयां होती हैं,राज्यों के लिए अलग, जिलों के लिए अलग ,आबादी के आधार पर शहरों का सर्वेक्षण इत्यादि प्रमुख डिविजन हैं ।
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छत्तीसगढ़ और झारखंड सबसे स्वच्छ राज्य बिहार को मिला 13 वां स्थान
स्वच्छता की रैंकिंग के लिए राज्यों को दो श्रेणियों में रखा गया था । इनमें 13 राज्य ऐसे हैं जहां 100 से ज़्यादा शहरी स्थानीय निकाय हैं जबकि बाक़ी राज्यों में 100 से कम शहरी स्थानीय निकाय हैं ।
100 से ज़्यादा निकाय वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ को सबसे स्वच्छ राज्य होने का गौरव हासिल हुआ है, महाराष्ट्र को दूसरा ,मध्यप्रदेश को तीसरा , गुजरात को चौथा,उत्तर प्रदेश को छठा और बिहार को तेरहवां स्थान मिला है ।
एक लाख से अधिक आबादी वाले टॉप-25 शहरों के लिस्ट से बिहार गायब
एक लाख से अधिक आबादी वाले टॉप-25 शहरों और एक लाख से कम आबादी वाले टॉप-25 शहरों में बिहार के एक भी शहर ने स्थान नहीं बना पाया है । कैंटोनमेंट वाले 62 शहर में बिहार से एकमात्र दानापुर 53वें नंबर पर है ।
आपको बताते चलें कि पिछले वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 में इस कैटेगरी में दानापुर अंतिम पायदान 62वें स्थान पर था । इस बार मामूली सुधार हुआ है ।
जिलों की लिस्ट में सूरत सबसे स्वच्छ ज़िला घोषित
केंद्रीय स्वक्षता सर्वेक्षण 2021 में गुजरात का सूरत ज़िला देश का सबसे स्वच्छ ज़िला बना है । उसे 100 अंकों के पैमाने पर 93.70 अंक प्राप्त हुए । मध्यप्रदेश का इंदौर दूसरा और राजधानी दिल्ली का नई दिल्ली ज़िला तीसरा सबसे स्वच्छ ज़िला बना है ।
10 लाख के आबादी में सबसे गंदा शहर बना सासाराम
1 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में सबसे गंदे शहर होने का दाग बिहार के सासाराम पर लगा है । सासाराम को जिसे 372 वीं रैंक प्राप्त हुई है । आपको बताते चलें कि मेघालय की राजधानी शिलांग को 371वां और केरल के पालक्काड को 370वां स्थान मिला है ।
बिहार के अन्य शहरों का क्या है हाल ?
1 से 10 लाख आबादी वाले शहरों की लिस्ट की बात करें तो केंद्रीय स्वक्षता सर्वेक्षण 2021 में गया ने 208, बिहारशरीफ ने 23, हाजीपुर ने 246, मुजफ्फरपुर ने 250, मुंगेर ने 263, दरभंगा ने 268, छपरा ने 270, बेगूसराय ने 284, बगहा ने 299, मोतिहारी ने 308, बेतिया ने 33,
सहरसा ने 35, दानापुर ने 37, किशनगंज ने 328, कटिहार ने 352, आरा ने 353, बक्सर ने 357, जहानाबाद ने 36, सीवान ने 362, भागलपुर ने 366, पूर्णिया ने 367 और
सासाराम ने 372वें स्थान पर अपना स्थान बनाया है ।
हमें क्या करना चाहिए ?
चूंकि सासाराम शहर में एक भी सरकारी कूड़ा डंपिंग ग्राउंड नहीं है ,जहां लीगल रूप से सेफ्टी के साथ कूड़ा फेंका जा सके ! घर घर कूड़ा का उठाव भी रोजाना नहीं होता है, लेकिन आम आदमी टैक्स समय पर देता है, या फाइन देता है ऐसे में गंदगी के लिए ज्यादा जिम्मेवार नेता और अधिकारी ही हैं ।
अपने विधायक , सांसद , फोटो प्रेमी अधिकारी और नगर निगम के पार्षदों का नाम लिखकर इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर हर जगह शेयर करना चाहिए ।
बिना नाम लिखे भी किया जा सकता है, यह काम सबको करना चाहिए । वोट अपने मन पसन्द आदमी को ही दीजिएगा, हमलोग उसपर कुछ नहीं बोल रहें , लेकिन अभी विरोध कीजिए । याद रखिए शहर आपका भी है ।