जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा, जो चल रहा है उसके पाँव में ज़रूर छाला होगा, बिना संघर्ष के चमक नहीं मिलती, जो जल रहा है तिल-तिल, उसी दीए में उजाला होगा !!
देश प्रगति कर रहा है। लड़कियों की शिक्षा के प्रति अभिभावक सचेत भी हुए हैं, लेकिन समाज में आज भी बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो बेटों को अधिक महत्व देते हैं, यह खबर उन्हें जरूर पढ़ना चाहिए और अपनी सोंच बदलनी चाहिए ।
अगर बेटा की तरह बेटियों को भी समान शिक्षा और समान अवसर दिया जाए, तो बेटियां सफलता का परचम लहरा सकती हैं, इस कथन को सत्य साबित किया है सासाराम की श्रेया और प्रियंका ने ।
आइए ” सासाराम की गलियां” के साथ बारी बारी से दोनों बेटियों के सफलताओं और जीवन के अन्य पहलुओं पर प्रकाश डाल कर कुछ सीखने और मोटिवेट होने का प्रयास करते हैं । इस कड़ी की शुरुआत हमलोग श्रेया से करते हैं ।
Table of Contents
श्रेया सुमन | Gate Girls
इन्होने “ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनिरिंग” अर्थात गेट परीक्षा में ऑल इंडिया 35 वा रैंक हासिल किया है ।
डीएवी सासाराम की छात्रा
श्रेया सुमन ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा स्थानीय डीएवी पब्लिक स्कूल सासाराम से पूरा किया है ,जबकि इंटर नोटरी डेम पब्लिक स्कूल पटना से किया है ।
एनआईटी पटना से इंजीनियरिंग
एनआईटी पटना से इंजीनियरिंग करना अपने आप में एक उपलब्धि है, आपको शुरुआती समय से ही बुद्धिमान होने का सर्टिफिकेट देता है। श्रेया ने एनआईटी पटना से बीटेक किया है ।
कंपनी सराय मुहल्ले की निवासी
श्रेया और उनका परिवार कम्पनी सराय मुहल्ले में हंसी खुशी से रहते हैं।
ऑनलाइन स्टडी से सफलता
तकनीक के इस युग में अगर आप अपने लक्ष्यों के प्रति गंभीर हैं तो सफलता आपके द्वार पर माला लिए खड़ी है । श्रेया ने तकनीक और इंटरनेट का सदुपयोग करके घर रहते हुए ही सेल्फ स्टडी और ऑनलाइन स्टडी मेटेरियल की मदद से गेट परीक्षा के भारी भरकम दीवारों को अपने मेहनत के बदौलत ध्वस्त कर दिया है ।
माता पिता की विशेष भूमिका
श्रेया के सफलता में उनके माता पिता की विशेष भूमिका रही है, क्यूंकि उन्होंने अपनी बेटी को शिक्षा का समान अधिकार और अनुकूल वातावरण प्रदान किया है ।
पिता रिटायर्ड बैंक मैनेजर
श्रेया के पिता जी का नाम श्री प्रमोद कुमार गुप्ता हैं जो पंजाब नेशनल बैंक से सीनियर मैनेजर मैनेजर के पद से रिटायर हुए हैं । माता का नाम अनीता गुप्ता है जो कि गृहणी हैं ।
श्रेया की अन्य दोनों बहने भी सफल है
श्रेया की एक बड़ी बहन डॉक्टर स्वाति सुमन , मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं जबकि दूसरी बड़ी बहन डॉक्टर स्वेता सुमन दरभंगा मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट हैं ।
अब बारी आती है , मां ताराचण्डी की दूसरी बेटी का । इनका नाम प्रियंका है, प्रियंका की मेहनत भी किसी मायने में अन्य छात्र छात्राओं से कम नहीं है ।
प्रियंका कुमारी | Gate Girls
प्रियंका ने विपरीत परिस्थितियों में अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत देश के प्रतिष्ठित गेट परीक्षा में 41 वा रैंक प्राप्त किया है ।
पिता मनोज मेहता का भरोसा , रंग लाया
प्रियंका के पिता का नाम श्री मनोज मेहता है , जो कि बिजनेस मैन है। पिता ने बड़ी मेहनत से अपनी बेटी का एक अच्छे वातावरण में परवरिश किया । अपनी बेटी कि काबिलियत पर पूर्ण भरोसा किया । उन्हें पढ़ाई का समान अवसर दिया , और आज बेटी के सफलता ने उनके सीने की चौड़ा कर दिया ।
माँ का भी योगदान
प्रियंका की मां का नाम मंजू देवी है , जो कि गृहणी है । प्रियंका की सफलता में मां का भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है , क्यूंकि घर का वातावरण और दिशा तो महिलाएं ही तय करती है ।
गौरक्षणी मुहल्ले की निवासी
कोई रिज़ल्ट आया हो और उसमें सासाराम के बच्चे हों , लेकिन उसमें कहीं गौरक्षणी के बच्चे नहीं हो !! शायद ही कभी हुआ हो !! प्रियंका और उनका खुशहाल परिवार भी सासाराम के इसी गौरक्षणी मुहल्ले के निवासी हैं ।
राजेन्द्र विद्यालय की छात्रा
सासाराम के पुराने और अच्छे स्कूलों में से एक गौरक्षणी स्थित राजेन्द्र विद्यालय से प्रियंका ने अपनी स्कूलिंग किया है ।
शेरशाह कॉलेज से इंटर
प्रियंका की इंटर स्थानीय शेरशाह कॉलेज से हुई है ।
पूसा का एग्रिकल्चर कॉलेज तो ब्रांड है
बिहार के समस्तीपुर जिले में स्थित एग्रिकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज, पूसा को कौन नहीं जानता ? अपनी प्रियंका ने भी यहीं से बीटेक किया है ।
सेल्फ स्टडी से सफलता
सबसे खास बात यह है कि, प्रियंका ने रोजाना 8-9 घंटो की सेल्फ स्टडी के बदौलत यह मुकाम हासिल किया है ।
अब आप क्या करें ?
आपको भी अगर हमारी तरह यानी “सासाराम की गलियां” की तरह सासाराम की इन दोनों बेटियों की सफलता पर गर्व हुआ हो, मोटीवेशन मिल हो, महिला शिक्षा के पक्षधर हो या समाज को कुछ अच्छा मेसेज देना चाहते हों…तो दोनों बेटियों के स्टोरी को अधिक से अधिक शेयर करें , ताकि समाज में बेटियों के शिक्षा के प्रति जागरूकता आए , समाज में बदलाव आए ।